एक बार एक भिखारी शाम के समय कटोरा लेकर मांगने चल पड़ा।
एक घर का कुंडा खड़काया तो एक नई नवेली बहू आयी निकल के…
भिखारी उसे देख के बोला कि इस कटोरे में थोड़ा सा मूत दे…
बहू :- क्या करेगा मूत का ?
भिखारी :- दवाई बनाउंगा जी …
बहू भीतर जाकर उस कटोरे में मूत के ले आई।
भिखारी ने दो-चार घर ऐसे ही बोल-बोल के कटोरा भरवा लिया, और जंगल में चला गया…
वहां जाकर लंड निकाला और उस कटोरे में डूबो के बोला :-
पीस तो तेरे किस्मत में है नही
.
.
लै तरी-तरी पी ले।
एक घर का कुंडा खड़काया तो एक नई नवेली बहू आयी निकल के…
भिखारी उसे देख के बोला कि इस कटोरे में थोड़ा सा मूत दे…
बहू :- क्या करेगा मूत का ?
भिखारी :- दवाई बनाउंगा जी …
बहू भीतर जाकर उस कटोरे में मूत के ले आई।
भिखारी ने दो-चार घर ऐसे ही बोल-बोल के कटोरा भरवा लिया, और जंगल में चला गया…
वहां जाकर लंड निकाला और उस कटोरे में डूबो के बोला :-
पीस तो तेरे किस्मत में है नही
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लै तरी-तरी पी ले।
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